उत्तराखंड

रामदेव को रामदेव लिखने में दिक्कत नहीं तो रहमान को क्यों,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के फैसले का रामदेव ने किया स्वागत


देहरादून।  उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में होटल ढाबों पर हो रही कार्रवाई का योगगुरु स्वामी रामदेव ने समर्थन किया और कहा कि स्वामी रामदेव ने कहा कि जब स्वामी रामदेव को अपना नाम छुपाने की कोई जरूरत नहीं है, अपना परिचय देने में कोई दिक्कत नहीं है तो फिर रहमान को अपना परिचय बताने में क्यों दिक्कत है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकान और ढाबों के मालिकों की नेम प्लेट लगाने के निर्णय का स्वागत किया।

इसके साथ ही स्वामी रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के चारों धामों के पेटेंट का जो कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया वह स्वागत योग्य है। पौराणिक मंदिरों और तीर्थ स्थलों की प्रतिकृति नहीं बनाई जा सकती यह गलत है।

 

वहीं गुरु पूर्णिमा पर्व का उल्लेख करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु शिष्य परंपरा की एक मजबूत कड़ी भारत में प्राचीन काल से चल रही है और हमें गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए। माता पिता सबसे बड़े गुरु हैं। स्वामी रामदेव ने इस अवसर पर अपने माता-पिता का आशीर्वाद भी लिया।

 

पतंजलि योगपीठ में आज गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। गुरु पूर्णिमा पर देश विदेश से आए स्वामी रामदेव के शिष्यों ने माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया।



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