उत्तराखंड

तिरुपति लड्डू मामला- सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों की जांच के लिए नई स्वतंत्र एसआईटी गठित करने का दिया आदेश 


करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल, नही बनना चाहिये राजनीतिक ड्रामा – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक नई स्वतंत्र एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और एफएसएसएआई का एक वरिष्ठ अधिकारी होगा। सीबीआई निदेशक एसआईटी जांच की निगरानी करेंगे।

इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर आरोप में कोई भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एसआईटी की निगरानी किसी वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी की ओर से की जाए, इससे लोगों में भरोसा बढ़ेगा। एसजी ने कहा कि देश भर में भक्त हैं, खाद्य सुरक्षा भी है। मुझे एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एसआईटी बनाई जाए। इसमें सीबीआई और राज्य सरकार से दो-दो सदस्य रह सकते हैं। इसके अलाव FSSAI से भी एक सदस्य को इस समिति में रखा जाए। खाद्य पदार्थों की जांच के मामले में FSSAI सबसे विशेषज्ञ शीर्ष निकाय है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि यह राजनीतिक ड्रामा बन जाए। अगर एक स्वतंत्र निकाय होगा, तो विश्वास पैदा होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि यदि कोई बात हो तो आप जांच लंबित रहने तक फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।



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