उत्तराखंड

शिक्षा महानिदेशक का स्कूल में औचक निरीक्षण,छात्रों से पूछे सवाल,छात्रों ने महानिदेशक से किया आग्रह


देहरादून। शिक्षा महानिदेशक झरना कामठान द्वारा जनपद देहरादून के राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय अजबपुर डांडा एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय राजीवनगर का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।

 

निरीक्षण के दौरान महानिदेशक द्वारा विद्यालय में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं, कक्षा-कक्षों, अध्यापक उपस्थिति पंजिका, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पंजिका, पी0एम0 पोषण योजना की पंजिका आदि अभिलेखों एवं छात्र-छात्राओं के सम्प्राप्ति स्तर का अवलोकन एवं पर्यवेक्षण किया गया।

 

राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय अजबपुर डांडा में सभी 06 अध्यापक उपस्थित पाये गये। कुल पंजीकृत 171 बच्चों में से 129 बच्चे उपस्थित थे। महानिदेशक द्वारा छात्र-छात्राओं से विभिन्न विषयों के प्रश्न पूछे गए। अधिकांश बच्चों द्वारा संतोषजनक उत्तर दिये गये। कक्षा 4 में महानिदेशक खुद भी गणित पढ़ाते हुये शिक्षिका की भूमिका में दिंखी, वहीं कक्षा 3 में उन्होंने बच्चों को अंग्रेजी भाषा के टिप्स बताये। महानिदेशक द्वारा बच्चों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न भी पूछे गये तथा उन्होंने स्वयं भी सामान्य ज्ञान सम्बन्धित कई महत्वपूर्ण तथ्य बच्चों को बताये।

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय राजीवनगर में भी कुल पंजीकृत 123 बच्चों में से 100 बच्चे तथा तीनों अध्यापक उपस्थित थे। महानिदेशक द्वारा विभिन्न कक्षाओं में जाकर बच्चों से गणित, विज्ञान, हिन्दी, अंग्रेजी व सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे एवं उत्तर पुस्तिकाओं का अवलोकन भी किया गया। अधिकांश छात्रों द्वारा संतोषजनक उत्तर दिये गये। महानिदेशक द्वारा ऐसे सभी प्रश्नों को स्वयं हाल करके दिखाया, जिनमें बच्चों को कठिनाई महसूस हुई।
कठिन प्रश्नों को सरलता से समझाते हुए एक शिक्षिका की भूमिका में महानिदेशक को देखकर बच्चे अत्यन्त प्रसन्नचित नजर आ रहे थे। महानिदेशक द्वारा बच्चों से पूछा गया कि आगे जाकर बच्चे किस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं। बच्चों के द्वारा विविध प्रकार के उत्तर दिये गये। इसके पश्चात महानिदेशक ने बच्चों को अध्ययन के तरीकों, समय पालन तथा कैरियर निर्माण हेतु विस्तृत मार्गदर्शन भी दिया।

महानिदेशक द्वारा शिक्षकों और अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि कक्षाओं में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। इस हेतु एक विशेष अभियान चलाकर घर घर सम्पर्क किया जाये एवं बच्चों के स्कूल न आने के कारणों की पहचान कर उनका निराकरण किया जाए। विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें महानिदेशक के आने से अत्यन्त प्रसन्न एवं उत्साहित दिखे तथा बच्चों द्वारा महानिदेशक महोदया को पुनः विद्यालय में आगमन का अनुरोध किया गया।



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